संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के अनुसार, भारत दुनिया भर से लगभग 3,50,000 टन खजूर का आयात करता है। एआरडीपी का लक्ष्य टिश्यू कल्चर तकनीक के जरिए देशी तौर पर खजूर के पौधों का उत्पादन करना है, जिससे किसान स्थानीय खपत के लिए उच्च गुणवत्ता वाले फलों की कटाई कर सकें। इससे आयात पर निर्भरता कम होगी और भारत और दूसरे देशों के किसानों को ज्यादा आमदनी भी होगी। खजूर की खेती से ग्रामीण रोजगार सृजित करने, आयात प्रतिस्थापन द्वारा मूल्यवान विदेशी मुद्रा बचाने और डाउनस्ट्रीम खाद्य प्रसंस्करण उद्योग विकसित करने में मदद मिलती है।