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खजूर के फल अपने पोषक फ़ायदों तथा मिठास के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं।

खजूर का फल ड्रूप होता है, जो आकार में आयताकार से अंडाकार होता है, जो इसकी किस्म, स्थान और खेती के तरीकों पर निर्भर करता है। इसका पकना चार महत्वपूर्ण चरणों से होकर गुजरता है, यानी किमरी (कच्चा फल), खलल | डोका (ताजा फल), रुतब | डांग (अर्धपका) एवं तमामार | पिंड (पूर्ण रूप से पका हुआ)।

इसके लंबे जीवन चक्र, अत्यधिक हेट्रोजाइगस (विषमयुग्मजी) प्रकृति और फूल आने से पहले (पांच-सात वर्ष) लिंग निर्धारण में कठिनाई के कारण मौजूदा किस्मों में बेहतर गुणों के साथ सुधार लाना आसान काम नहीं है। खजूर सीमित संख्या में शाखाएं देती हैं, पारंपरिक तौर से जिनका इस्तेमाल इसके प्रसार के लिए किया जाता है। ऑफशूट प्रसार में जीवित रहने और बीमारियों के फैलने | कीट लगने का खतरा बना रहता है, जबकि लिंग और विविधता में बदलाव के कारण बीज से अंकुरित पौधे सही नहीं होते हैं। इसलिए, इसकी व्यापक खेती के लिए टिश्यू कल्चर से उगाया गया खजूर का पौधा सबसे अच्छा किस्म होता है, क्योंकि यह पूरे वर्ष आवश्यक किस्मों और मात्राओं के साथ, लिंग विशिष्ट, रोग-मुक्त पौधे देता है।

एआरडीपी स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मांग को पूरा करने के लिए प्रीमियम टिश्यू कल्चर से तैयार खजूर की किस्मों के उत्पादन में लगा हुआ है; ये किस्में इस प्रकार हैं:

अजवा

अजवा (अंडाकार, गहरे रंग और मध्यम आकार का) अल मदीना, सऊदी अरब से पैदा हुआ, यह मध्य सीजन में पकता है, और प्रायः तमर अवस्था में खाया जाता है।

बरही

बरही (अंडाकार और मध्यम से छोटे आकार के होते हैं) किस्म इराक से उत्पन्न हुई, अपने उच्च गुणवत्ता वाले फलों और किसानों को ज्यादा आर्थिक रिटर्न के लिए दुनिया भर में खेती की जाने वाली एक अहम किस्म है। इसे खलाल, रुतब या तमार स्टेज में खाया जाता है; इसका गूदा और जायकेदार होता है।

खलास

खाड़ी देशों से पैदा होने वाले खलास (अंडाकार, लम्बा और मध्यम आकार के) को खजूर की सर्वोत्तम व्यापारिक किस्मों में से एक माना जाता है। इसके फल में कम रेशे होते हैं और इसमें खाने के लिए बेहतरीन गुणवत्ता होती है, जिसे सभी स्टेज में खाया जा सकता है।

खुनेज़ी

खुनेज़ी (अंडाकार, लम्बा, गहरा लाल और मध्यम आकार का) संयुक्त अरब अमीरात में उगाए जाने वाले खजूर की मुख्य किस्मों में से एक है, जो मध्यम जल स्तर वाले इलाकों में तेजी से बढ़ने की क्षमता रखती है। खलाल और रुतब स्टेच के फल स्वादिष्ट होते हैं और मध्य सीजन में पकने की अवस्था तक पहुंचते हैं।

मेदजूल

मेदजूल (अंडाकार, लम्बा, लाल भूरा और मध्यम से बड़े आकार का) मोरक्को से पैदा हुआ है, जो दुनिया में उगाए जाने वाले खजूर की महत्वपूर्ण व्यापारिक किस्मों में शामिल है। इसके फल में कम रेशे होते हैं, यह मध्य सीजन में पकता है और तमार स्टेज में खाया जाता है।

एलीट रेड

एलीट रेड (अंडाकार, लम्बा और मध्यम आकार) की खेती पश्चिम भारत में होती है। इसके फल गहरे लाल रंग के होते हैं जो मध्य सीजन में पकते हैं। वे अच्छी गुणवत्ता वाले, गूदेदार होते हैं और इन्हें प्रायः खलाल और रुतब स्टेज में खाया जाता है।

एलीट येलो

एलीट येलो (अंडाकार, लम्बा और मध्यम आकार का) की खेती मुख्य रूप से पश्चिम भारत में की जाती है। इसके फल पीले रंग के होते हैं जो मध्य सीजन में पकते हैं और खलाल और रुतब अवस्था में खाए जाते हैं। ये कम रेशों के साथ मीठे स्वाद के होते हैं।

हलावी

हलावी (अंडाकार, लम्बी, पीली और मध्यम से बड़े आकार के) सऊदी अरब में विकसित हुआ। इसके फल अच्छी गुणवत्ता वाले होते हैं, जिन्हें प्रायः रुतब और तमार स्टेज में खाया जाता और ये मध्य सीजन में पकते हैं।

सगाई

सगाई (बेलनाकार, लम्बी, लाल भूरे और मध्यम से बड़े आकार के) सऊदी अरब में पैदा हुआ है। इसके फल मध्य सीजन में पकते हैं और तमार स्टेज अवस्था में खाए जाते हैं।

नबुत सुल्तान

नबुत सुल्तान (अंडाकार से गोल, सुनहरा भूरा, मध्यम से बड़े आकार का) की उत्पत्ति सऊदी अरब के मध्य इलाकों में हुई थी। इसके फल सीजन के अंत में पकते हैं और इन्हें तमार अवस्था में खाया जाता है।

नर

नर खजूर के पौधे निषेचन प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाते हैं, क्योंकि पराग की क्षमता और परागण के तरीके फलों की गुणवत्ता, विकास और उसकी उपज को प्रभावित करते हैं। मेल टिश्यू कल्चर प्रक्रिया का उद्देश्य बेहतर क्लोनल जीनोटाइप का उत्पादन करना है, जिसका मतलब है पेड़ों पर जल्दी फूल लगना (मादा फूल से पहले फूल आना), अधिक उपजाऊ परागों की मौजूदगी, और हरेक नर फूल में बड़ी मात्रा में परागकण होते हैं।